कोई घर में घुस के मेरे
माँ का आँचल खींच गया
और हम चौकीदारों से
इस्तीफा लेते रह गए|
रगों में खून ही है अभी
या पिघलकर पानी हो गया ?
की कोई पीटता रहा हमें
और हम वार्ता करते रह गए|
जो सीना ठोकते थे लगाकर आग
वो छिप बैठे बिलों में भागकर अपने
लगी जब आग भारत में
बिहारी - मराठी देखते रह गए|
खुदा का शुक्र है की मर्द थे कुछ
जो कूद पड़े उस आग में;
जो तुम बुड्ढों पे बात आई
तो तुम बयान देते रह गए |
Composed on 29th November 2008
2 comments:
excellent cmt...:)..
Good one man...
well said!!!
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