Saturday, January 22, 2011

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हाथ पकड़ो जो मेरा तुम ...

हाथ पकड़ो जो मेरा तुम तो कोई साथ मिले
पास हो तेरा जो एहसास तो कोई आस मिले

हम तो बस यूँ ही जिए जा रहे जाने कब से
ढूंढते मायने ज़िन्दगी के न जाने कब से
तुम जो मिल जाओ तो तलाश को मिले मंजिल
पा के तुमको मेरी साँसों को नयी साँस मिले
हाथ पकड़ो जो मेरा तुम...

खो गया भीड़ में मेरा अकेला मन देखो
रुख हवा का उड़ा देगा मेरा आँगन देखो
तुम ही बन जाओ मेरे आँगन की नयी रौनक
रोशनी पा के मेरे रूह को आराम मिले
हाथ पकड़ो जो मेरा तुम...

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