Thursday, April 19, 2007

मातृभाषा मे कुछ..

ख़ुशी हो रही है देख कर कि मैं अब हिंदी में भी ब्लोग्गिंग कर सकता हूँ। वैसे ये मेरा पहला प्रयास नहीं है हिंदी में लिखने का, इससे पहले मैंने कुछ हिंदी फोंट्स का इस्तेमाल करके अपनी काफी कवितायेँ लिखी हैं और उनमें से काफी प्रकाशित भी हुई हैं। लेकिन हिंदी लिखना इतना सरल तो कभी भी नही था एक इंग्लिश कीबोर्ड पर। सचमुच मज़ा आ रहा है। जल्द ही मुझे अपनी कवितायेँ यहाँ लिखने का मौका मिलेगा। वैसे अच्छा यही रहेगा कि हिंदी लिखने के लिए एक अलग ब्लोग खोल लिया जाये। जब तक कुछ नए विचार नहीं आते है दिमाग में तब तक इन चार पंक्तियों से काम चलाता हूँ।

फिरोज़ी रंग में डूबा हुआ है आसमान
फिरोज़ी हो रहा है रंग मेरे इश्क का
फिरोज़ी रंग कि साडी में लिपटा ये बदन
फिरोज़ी कर रहा है जैसे पूरी शाम को

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